Kuno National Park: कूनो में दो और चीता शावकों की मौत, एक की हालत गंभीर, प्रोजेक्ट को लगा बड़ा झटका
Kuno National Park: पार्क (Kuno National Park News) से एक बार फिर बड़ी खबर सामने आई है. श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीता ज्वाला के दो और शावकों की मौत हो गई है.
Kuno National Park: कूनो में दो और चीता शावकों की मौत, एक की हालत गंभीर, प्रोजेक्ट को लगा बड़ा झटका
Kuno National Park: कूनो में दो और चीता शावकों की मौत, एक की हालत गंभीर, प्रोजेक्ट को लगा बड़ा झटका
Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park News) से एक बार फिर बड़ी खबर सामने आई है. श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीता ज्वाला के दो और शावकों की मौत हो गई है. इससे कुछ दिन पहले भी खबर आयी थी कि एक शावक ने दम तोड़ दिया है. आपको बता दें कि दो महीने पहले मार्च में चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था.
गर्मी की वजह आ रही सामने
प्रारंभिक जांच में पता चला कि ज्यादा गर्मी की वजह से इन शावकों को लू लग गई थी. जिस वजह से गुरुवार को इलाज के दौरान इनमें से दो की मौत हो गई है. एक की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. जानकारी के मुताबिक पिछले दो महीने के अंदर अब तक 6 चीते की मौत हो चुकी है. नामीबियाई चीते में से एक साशा की 27 मार्च को गुर्दे से संबंधित बीमारी की वजह से मौत हो गई थी, जबकि दक्षिण अफ्रीका के एक अन्य चीता उदय की 13 अप्रैल को मौत हो गई थी.
नामीबिया से 8 चीतों को भारत लाया गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर भारत में 8 चीते लाए गए. ये चीते एक खास विमान में सवार होकर नामीबिया से मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में लाए गए, जिन्हें खुद प्रधानमंत्री ने छोड़ा था. भारत में चीते की प्रजाति विलुप्त हो गई थी, जिसे एक बार फिर से अस्तित्व में लाने के लिए नामीबिया से 8 चीतों को भारत लाया गया था. कभी भारत भी एशियाई चीतों का घर हुआ करता था, लेकिन 1952 तक उन्हें यहां से विलुप्त घोषित कर दिया गया. विलुप्तप्राय होने की कगार पर यह चीता कभी मिडिल ईस्ट, सेंट्रल एशियाई देशों और भारत में काफी हुआ करता था. अब इनकी नाममात्र संख्या बस ईरान में रह गई है.
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच समझौता
दक्षिण अफ्रीका और भारत की सरकारों के बीच समझौता हुआ है. इस समझौते के तहत भारत में चीतों को फिर से लाने पर सहयोग किया जाएगा. 12 चीतों में से फिंदा गेम रिजर्व से तीन, तस्वालू कालाहारी रिजर्व से तीन, वॉटरबर्ग बायोस्फीयर से तीन, क्वांडवे गेम से दो और मपेसू गेम रिजर्व से एक चीते को लाया गया है. गौरतलब है कि साल 1952 में भारत से चीते लुप्त हो गए थे.
क्या है चीता प्रोजेक्ट
प्रोजेक्ट चीत एक राष्ट्रीय परियोजना है. इस परियोजना में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और मध्य प्रदेश सरकार शामिल हैं. इस परियोजना के तहत चीतों को उनके मूल स्थान नामीबिया-दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया गया और मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाने की कोशिश की जा रही है.
09:54 AM IST